Tuesday, November 29, 2011

यदि मैं हाथी होता !
घोड़ा बंदर रीछ होता
यदि मैं सचमुच हाथी होता
दौड़ा दौड़ा जयपुर जाता
संगी साथी सब ले जाता
होली वहां मनाता
रंग गुलाल उड़ाता
जगर मगर परिधान पहनता
पहला नम्बर मुझको मिलता
पायल/घुंघरू पाँव बाँधता
कभी नाचा ऐसा नचता
सबका जी बहलाता
करतब अजब दिखाता
[फ्रिदिरिक्तन
काम इनाम
काम काम ,बस ,काम
जो करता है काम
मिलता उसे इनाम
नाम नाम बीएसननाम
करे kk

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