Saturday, November 12, 2011

बतला गुडिया रानी

बतला गुड़िया रानी ,किससे सुनूँ कहानी ?
कहतीं हूँ मैं सच सच
मत करना तुम किच किच
बहुत दूर रहतीं हैं
मेरी नानी सुचमुच
मैं कहतीं हूँ कुछ कुछ मत समझो नादानी
चौका चूल्हा खटपट
बनता खाना झटपट
दादी हाथ थमता
दिन कट जाता सरपट
दादा कलम छोड़ें देख देख हैरानी

डैड माम का दफ्तर
सारे दिन का चक्कर
लाते थकतें होंगे
नून तेल घी शक्कर
इसीलिए जिद मेरी गुड़िया कहो कहानी
[सैंट जॉन :कनाडा :०९ .११.२०११]

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