soneera anand:baalgeet
Sunday, April 1, 2012
कर कँगना
कर कँगना
ओ प्यारी बहना
तुमसे कुछ कहना
तुम कोमल टहनी
पैजनियाँ पहनी
डगमग हो पैया
मैं थामूं बहियाँ
सँभल सँभल चलना
डग आगे धरना
पैजनियाँ छम छम
गम भागे गम गम
जन परिजन हेरें
चुटकी दें टेरे
नाचे घर अँगना
बजे कर कँगना
[भोपाल:२४.०३.२०१२]
Newer Posts
Older Posts
Home
Subscribe to:
Posts (Atom)