Monday, September 19, 2011

प्रिय सिद्धांत और प्रिय शौर्य के शुभ जनम दिवस के अव सर पर

श्री उमेश रश्मि रोहतगी की नविन कृति "भारत समस्याएँ" ककी विषय सूचि से गुजरा तो उसके छे अध्धायों में सहेजे / समेटे विभिन्न विषयों से अवगत हुआ। ह्हरेक में आपने जीवन में जो कुछ देखा सुना ब्भोगा और जीवन में उतरा उसे शब्दों के माध्यम से जन गन मन के लिए धरोहर के रूप मैं सोंपने का विशिष्ट उपक्रम किया है
विषय सामान्य होते हुए भी इतने उपयोगी हैं की उनमें सुखी जीवन की सफलता के मंत्र गुथे हैं, उज्वल भविष्य के पथप्रदर्शक हैंविशेष उल्लेखनीय ततो यह है की अमेरिका में रह कर भारत मैं की चिंताओं की चिंता करना उनके समाधान खोजना हरेक के लिए अनुकर्णीय हैजो निजी स्वार्थों को तिलांजलि देकर ही संभव हैइसलिए उनके ऊपर चरितार्थ होता है
: पानी बाढ़े नाव में घर में बाढ़े दाम : दोनों हाथ लिचिये ये सज्जन को काम।
अथवा परोपकारं सताम्विभुती
साथ ही अमेरिका में भी मानवीय हितो की सुरक्षा में सपरिवार लगे रहना कम महत्व की बात नहीं है
संछेप में आपके के क्रतत्व अवं सर्जन में मोलिकता सजीवता का समावेश 'व्विश्वा भावित एक निड्म', 'विश्व वन्धुत्व ke bhaav jhalakte hain ।

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