Wednesday, September 14, 2011

विश्व महान सिकंदर

उड़ते वायुयान केविन में
बूढें सोते जवान ऊघें
एक दूसरे को ना बूझें
बच्चों को तो चैन नहीं हैं
उनको जैसे रैन नहीं है
खेलें जैसे घर आगन में

नहीं किसी की कुछ भी सुनना
उल्टी खटिया सर पर रखना
उछल कूद बन्दर सी करना
विश्व महान सिकंदर बनना
सभी मुसाफिर हों हैवन में

[
एमिरात ई के -२११ दुबई से हूस्टन :०६.०८.२०११]

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