उड़ते वायुयान केविन में
बूढें सोते जवान ऊघें
एक दूसरे को ना बूझें
बच्चों को तो चैन नहीं हैं
उनको जैसे रैन नहीं है
खेलें जैसे घर आगन में
नहीं किसी की कुछ भी सुनना
उल्टी खटिया सर पर रखना
उछल कूद बन्दर सी करना
विश्व महान सिकंदर बनना
सभी मुसाफिर हों हैवन में
[एमिरात ई के -२११ दुबई से हूस्टन :०६.०८.२०११]
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