Friday, October 23, 2009

कम्प्यूटर जी !

कम्प्यूटर का युग ऐसा जी
मुट्ठी में दुनिया लाया जी
जादू भरा पिटारा
विपुल ज्ञान भंडारा
कान खड़े हो जाते
माउस करे इशारा
आनन फानन में देखो जी
जो चाहो वो ही पायो जी

चाहे गाना सुनना
अथवा खेल खेलना
सिमसिम से खुल जाता
पढ़ना लिखना गुनना
विश्वकोष बनकर छाओ जी
भूलभुलैया भरम जाल भी

ताजी खबरें लाता
इच्छित उत्तर भाता
नहीं असम्भव कुछ भी
संभव कर दिखलाता
अब और कहीं क्यों जाओ जी
सब कुछ कम्प्यूटर लाओ जी
[भरूच :१५.०६।08]

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