करना इसकी खोज!
मेली प्याली दादी माँ
मालिछ करती रोज़
मेले तन मन में भल जाता
नया नया नित ओज
मालिछ कलके नहलाती
मेली दादी रोज़
बिन नागा के नहलाना
लगे न उनको बोझ
नहला पहला कल कपड़े
देतीं दादा गोद
खुछ होतीं हैं वे कितनी
करना इछ्की खोज !
[सैंट जॉन :कनाडा :०९.१२.२०११]
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